
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को आमतौर पर मनोरंजन, चकाचौंध और पैसों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन UPSC Essentials के लिए लिखते हुए नंदितेश निलय बताते हैं कि IPL सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों का मंच भी है।
2025 में RCB की पहली IPL ट्रॉफी जीत इस बात का प्रतीक बनी कि खेल में मेहनत, टीमवर्क और अनुशासन किस तरह रंग लाते हैं। निलय बताते हैं कि IPL जैसे आयोजन हमें नैतिकता, आत्मसंयम, नेतृत्व, परिश्रम और पारदर्शिता जैसे मूल्यों की झलक देते हैं।
वे क्रिकेट के इतिहास में केरी पैकर के योगदान का ज़िक्र करते हैं, जिन्होंने खेल में नवाचार लाकर यह दिखाया कि परंपरा और आधुनिकता एक साथ चल सकती हैं। IPL में विविध पृष्ठभूमियों से आए खिलाड़ी एक टीम बनकर जीत के लिए लड़ते हैं—यह सहयोग और सहिष्णुता का बेहतरीन उदाहरण है।
UPSC अभ्यर्थियों के लिए यह लेख दिखाता है कि खेल सिर्फ जीत या हार नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण और सार्वजनिक सेवा के लिए आवश्यक नैतिक मूल्यों का प्रशिक्षण है।